न शरमाना ज़रुरी है,
न घबराना ज़रुरी है,
अगर है इश्क तो,
नज़र आना जरुरी है।
ये सारी एहतियातें,
वहतियातें,
सब वेबकूफी हैं,
अगर है इश्क तो,
हद से,
गुज़र जाना,
ज़रुरी है............।
Saturday, July 10, 2010
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GOOOOOOOOOD
ReplyDeletekya baat hai !
ReplyDeletewaaaaaah !