चिट्ठाजगत रफ़्तार

Monday, September 13, 2010

आज मेरा जन्मदिन है-एक बिशेष अंक..................

आज ख्याल आया कि....


चुप ही रहूँ,

पर ये दिल नहीं माना

शायद ये था अनजाना

कहते हैं ना..........

दिल तो बच्चा है,

शायद,

यह वक्तव्य

साकार कर दिया

और इस कलम को

लाचार कर दिया

सोचता हूँ

जन्मदिन पर,

लोगों ने शुभकामनाएँ देकर

अपना काम कर दिया.......

पर इस जिंदगी का क्या.....

इसने भी तो,

एक साल नीलाम कर दिया.........

खैर,

वक्त के आगे तो,

इंसान अक्सर हार जाया करते हैं.......

लेकिन अभी

वह भी मौजूद हैं,

जो हँसते-हँसते.........

शतक मार जाया करते हैं...........

आपकी ये शुभकामनाएँ.........

मेरे लिए किसी उपहार से कम नहीं...........

शायद,

हमसे है ये जमाना,

जमाने से हम नहीं..............

3 comments:

  1. Jivan ki muskan bano tum...
    Fool khila do Kyari kyari,,,
    Nayi safalta ke sumano se..
    Mahake Jivan ki Fulwari...
    A late but true wishes for ur birthday..
    happy birthday.....

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