चिट्ठाजगत रफ़्तार

Tuesday, July 6, 2010

जिन्दगी जीने के केवल दो रास्ते हैं.............

हमें अपने इश्क का ,


हिसाब नहीं आता…………………..

और उनका पलटकर

कोई ज़बाब नहीं आता।

हम तो उनकी यादों में,

खोए रहते हैं अक्सर,

और उनको सोकर भी,

हमारा ख्वाब नहीं आता.................

शायद,

उन्हें इश्क,

करना नहीं आता………………..

और,

हमें इश्क के शिवा,

कुछ नहीं आता

जिन्दगी जीने के केवल दो रास्ते हैं

एक उन्हें नहीं आता....................

एक हमें नहीं आता.........................।

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